राजभाषा का दर्जा देने की मुख्यमंत्री से की मांग

मुख्यमंत्री  से मिले 'माणक'  के प्रधान संपादक पदम मेहता

मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा व प्रदेश में राजस्थानी भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने की मुख्यमंत्री से की मांग

आशा पटेल
जयपुर । राजस्थानी भाषा के एकमात्र पारिवारिक मासिक 'माणक' के प्रधान संपादक पदम मेहता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट कर नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रदेश में भी प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देने, राजस्थानी भाषा को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने तथा केन्द्र सरकार से इसे संवैधानिक मान्यता दिलवाने की मुख्यमंत्री से मांग की । श्री मेहता ने जनसंख्या के प्रमाणिक आंकड़ों के साथ पत्र सौंप कर उन्हें बताया कि 18 वर्ष पूर्व विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के बावजूद मातृभाषा राजस्थानी की भारी उपेक्षा हो रही है जबकि प्रदेश में इसके बोलने वालों की जनसंख्या दो तिहाई से अधिक है । उन्होंने मुख्यमंत्री को इस बात से भी अवगत करवाया कि राजस्थान के 130 से अधिक विधायक इस बाबत आपको पत्र लिखकर मांग कर चुके हैं । प्रदेश के इस बहुमत का मान रखते हुए तत्काल वांछित कार्रवाई अपेक्षित है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को 'माणक' के ताजा अंकों की प्रति भी भेंट की गई, जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन में प्रवासियों के विशेष योगदान को रेखांकित किया गया है । मुलाकात के दौरान प्रबंध संपादक दीपक मेहता भी मौजूद रहे श्री मेहता ने शिक्षा मंत्री श्री बी.डी. कल्ला से भी भेंट कर उक्त पत्र की प्रतिलिपि सौंपते हुए वांछित कार्रवाई करवाने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि 'रीट' में राजस्थानी भाषा को सम्मिलित करने तथा नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देने के लिए श्री मेहता की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में भी दायर याचिका भी लम्बित है. . 

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