मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल ने 2 साल के बच्चे का सफल फेकल माइक्रोबायोटा ट्रांसप्लान्ट कर उसे दिया नया जीवन
नई दिल्ली, 28 जनवरी, 2023ः मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, साकेत, नई दिल्ली के डॉक्टरों ने 2 साल के बच्चे को नया जीवन दिया है। एक्यूट मायलॉइड ल्युकेमिया के इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लान्ट (बीएमटी) के बाद बच्चे का डायरिया नियन्त्रित नहीं हो पा रहा था। जिसके लिए फेकल माइक्रोबायोटा ट्रांसप्लान्ट (एफएमटी) किया गया। एफएमटी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें स्वस्थ व्यक्ति का सामान्य मल मरीज़ की आंतों में डाला जाता है। दो साल का दक्ष सिंह एक्यूट डायरिया (दिन में 30 बार) से पीड़ित था। उसके मल की जांच करने के बाद डॉक्टरों ने एक बैक्टीरया क्लॉस्ट्रिडियम डिफिसिले पाया। गंभीर डायरिया के चलते उसका पाचन तंत्र पूरी तरह से गड़बड़ा गया था। जिसके चलते उसमें डीहाइड्रेशन और कमज़ोरी हो गई थी और उसे भूख भी नहीं लग रही थी। डायरिया की वजह से शरीर से बहुत अधिक पानी एवं ज़रूरी पोषक निकलने के कारण उसका जीवन खतरे में पड़ गया। डॉक्टरों में एंटीमाइक्रोबियल एवं अन्य तरीकों से डायरिया का इलाज करने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। डॉ राहुल नैथानी, डायरेक्टर- बोन मैरो ट्रांसप्लान्टेशन एवं क्लिनिकल हेमेटोलोजी, मैक्स हॉस्पिटल