मैक्स हॉस्पिटल, शालीमार बाग के डॉक्टरों ने 8 साल की बच्ची को दी नई ज़िंदगी

नई दिल्ली, 13 जनवरी, 2023ः मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, शालीमार बाग के डॉक्टरों ने एक एमरजेन्सी मामले में आठ साल की बच्ची को नया जीवन दिया, अपने घर में खेलते समय सीढ़ियों से गिरने के बाद बच्ची को गंभीर क्रेनियल फ्रैक्चर हो गया था। 

बच्ची को गंभीर हालत में शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल लाया गया। गिरने के बाद वह बेहोश हो गई थी, होश में आने के बाद उसे उल्टियां आने लगीं, उसकी आंखें काली पड़ने लगीं और उसके सिर में ज़बरदस्त सूजन आ गई थी। बच्ची के वाइटल अंग और सांस ठीक से नहीं चल रहे थे। मैक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग की एमरजेन्सी एण्ड ट्रॉमा टीम ने मरीज़ की स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद जल्द से जल्द इलाज शुरू किया, ताकि गोल्डन ऑवर के अंदर बच्ची को इलाज मिल सके। डॉक्टरों ने उसका सीटी स्कैन किया, जिसमें पता चला कि उसके स्कल में कई फ्रैक्चर्स थे, इसके अलावा कई क्लाॉट्स भी बन गए थे।  
डॉ किशलय दत्ता, डायरेक्टर, एमरजेन्सी एण्ड ट्रॉमा, मैक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग ने बच्ची को तुरंत रीससीटेशन एरिया में भेजा, जहां दुर्घटना की गंभीरता को देखते हुए माता-पिता के साथ बातचीत की गई। मरीज़ को तुरंत न्यूरोसर्जिकल इंटरवेंशन के लिए मैकेनिकल वेंटीलेटर सपोर्ट के साथ ऑपरेटिंग रूम में भेज दिया गया। 8 घण्टे तक चली सर्जरी आखिरकार सफल रही।
डॉ किशलय दत्ता, डायरेक्टर, एमरजेन्सी एण्ड ट्रॉमा, मैक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग ने कहा, ‘‘जब बच्ची को मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग लाया गया, तब उसकी स्थिति बेहद गंभीर थी, उसे बहुत अधिक दर्द था, आंखे काली पड़ गई थीं, उसे लगातार उल्टियां हो रहीं थी, जो इस बात का संकेत था कि उसके दिमाग के हिस्से में ज़बरदस्त चोट आई है। उसके सिर में सूजन थी, हमने तुरंत सीटी स्कैन किया। रिपोर्ट में पता चला कि उसके स्कल में कई फ्रैक्चर्स थे, जिसके लिए तुरंत इलाज की ज़रूरत थी। सर्जरी मुश्किल थी, लेकिन सफल रही। अब नियमित जांच में उसक वाइटल अंग ठीक से काम कर रहे है और वह ठीक हो रही है।’’
माता-पिता ने कहा, ‘‘अस्पताल की मेडिकल टीम के प्रति आभारी हैं, जिन्होंने मुश्किल ब्रेन सर्जरी के बाद हमारी बच्ची को नया जीवन दिया है। डॉक्टरों, नर्सों और स्टाफ ने इस मुश्किल समय में जिस तरह की सहानुभुति दिखाई और हमारी बच्ची की देखभाल की, वह सही मायनों में सराहनीय है। हमारी बच्ची अब ठीक हो रही है। हम बेहद खुश हैं और डॉक्टरों का धन्यवाद करते हैं।’’ 
बच्ची पीआईसीयू में जल्दी ठीक हो रही है, ईआर टीम नियमित रूप से उसकी जांच करती है, और सुनिश्चित करती है कि इसके वाइटल अंग फिर से ठीक से काम करें। बच्ची के माता-पिता को भी कन्सलटेशन दिया गया, ताकि वे इस ट्रॉमा से बाहर निकल सकें। एक माह बाद बच्ची की न्यूरोसर्जिकल जांच में पाया गया, वह अच्छी तरह ठीक हो रही है। 

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