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राजस्थान में 90ः के साथ 5 जिले और 80ः से अधिक रिकवरी वाले 11 जिले

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जयपुर 21 अगस्त 2020 –  जयपुर कोविड-19 ने दुनिया भर में स्वास्थ्य प्रणाली को अपंग बना दिया है, लेकिन कई देशों को आबादी बचाने में अपनी मजबूत रीढ़ दिखाने का अवसर भी दिया है। जब भारत की बात आती है, तो वैश्विक मीटर ने हमें कई अन्य शक्तिशाली राष्ट्रों की तुलना में स्वास्थ्य प्रणाली में बहुत पीछे पाया और देश में स्वास्थ्य बुनियादी प्रणाली की बेहतरी के लिए काम करने के लिए कोरोनॉयरस एक चेतावनी के रूप में आया। अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान के नेतृत्व में स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए कई मानक तय किए हैं। सुनियोजित भीलवाड़ा मॉडल, बीकानेर की 3-लेयर सम्मिलन कार्यनीति और अन्य मॉडल है। अब, अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री की पहल नीरोगी राजस्थान पुर्ण होने जैसा प्रतीत होता है क्योंकि राजस्थान के कुल जिलों में लगभग आधे जिले में मरिजों कि संख्या 80ः से अधिक की रिकवरी कर चुके हैं और उनमें से पाँच जिले के मरिज 90ः से अधिक रिकवरी के साथ स्वास्थ हैं। चूरू 90.2ः, जालोर 96.3ः, झुंझनू 91.4ः, पाली 91.2ः और सिरोही 90.6ः ऐसे पांच जिले हैं जो पूर्ण रिकवरी की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। 80ः से अधिक रिकवरी दर वाले जिले अ

फिक्की ने निजी अस्पतालों में कोविड के इलाज की तर्कसंगत लागत का समाधान दिया

नई दिल्ली.     पहले से आर्थिक तनावग्रस्त स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पारदर्शिता ,  नैतिकता और करुणा के साथ कोविड के इलाज को बढ़ावा देने के लक्ष्य से फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के तहत गठित फिक्की कोविड- 19   रिस्पांस टास्क फोर्स ने बैठकों के एक दौर के बाद तर्कसंगत खर्च का प्रारूप तैयार किया है। इससे मरीजों और पूरे समुदाय का निजी अस्पताल में इलाज के भारी खर्चे का भय दूर होगा।  भारत में बढ़ते कोविड मामलों के बीच अस्पताल और सरकार ,  अस्पताल और बीमा कम्पनियों और फिर आम जनता में कोविड के इलाज के खर्चों को लेकर आपकी विश्वास कम होने लगा है। भारत और पूरी दुनिया के चिकित्सक अभी भी कोविड- 19   के इलाज का स्पष्ट प्रोटोकॉल कायम करने में असफल रहे हैं। ऐसे में सह-रुग्णता वाले मरीजों को उपचार की सलाह देना बहुत बेहद मुश्किल हो रहा है। इस राष्ट्रीय आपदा में कोविड संकट की सबसे अधिक मार निजी अस्पताल सह रहे हैं। ये देश को कोविड- 19   संकट से उबारने की रणनीति का सुझाव देकर सरकार का मनोबल बढ़ा रहे हैं और कोविड  19   के इलाज की विशेष बुनियादी सुविधा और कुशल मानव संसाधन भी दे रहे हैं। यह बताना आवश्यक है कि अन्

6000 देश-विदेश के डायबिटिज विशेषज्ञ जयपुर में जुडे 12 अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ

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  इन्टरनेशनल विशेषज्ञ अमेरिका, इंग्लैण्ड, आस्ट्रिलिया, इटली, फ्रास, सिंगापुर से शामिल भारत में डायबिटिज के अध्ययन के लिए अनुसंधान सोसाइटी की 47वीं वार्षिक कांफ्रेंस शुरु हुआ डायबिटिज अध्ययन में इलाज, जागरूकता व शोधों पर मंथन का महाकुंभ   जयपुर। ''भारत में डायबिटिज के अध्ययन के लिए अनुसंधान सोसाइटी की 47वीं वार्षिक कांफ्रेंस 2019'' (आर एस एस डी आई) का चार दिवसीय महाकुंभ आज हुई शुरुआत। सीतापुरा स्थित जयपुर प्रदर्शनी व कन्वेशन सेन्टर (जेईसीसी) में पारंपरिक दीप प्रजव्लन द्वारा आरम्भ हुई। डायबिटीज से जुड़ी बीमारियों पर चर्चा करने के लिए 6000 देश-विदेश के विशेषज्ञ 7 - 10 नवम्बर तक चलने वाले इस सम्मेलन में अपने-अपने अनुभव साझा कर रहें हैं। कांफ्रेंस में मुख्य रूप से डायबिटिज के क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ आर एस एस डी आई के प्रेसिडेन्ट, डॉ. अजीव चावला; सचिव, डॉ. बी एम मक्कड और वैज्ञानिक अध्यक्ष, डॉ. बन्सी साबू सहित कई अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डायबिटिज विशेषज्ञ शामिल रहे। इन्टरनेशनल विशेषज्ञों में डॉ. एनटोनियो सैरिलियो, डॉ. जैको, डॉ. ताडेज, डॉ. कन्नूमलाई, डॉ. जिबिन ची रहे