राजस्थान सरकार के परिवहन विभाग द्वारा सीएमवीआर का उल्लंघन करते हुए ड्राइविंग लाइसेंस एवं वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र को डिजिटल रूप में जारी करने का प्रस्ताव

जयपुर,20 मार्च 2024 - जाने-माने अन्तर्राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डॉ कमल सोई ने राजस्थान राज्य में एक चिंताजनक मुद्दे पर रोशनी डाली है। परिवहन विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2024 से केवल डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करना मौजूदा कानूनों एवं दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जो सड़क सुरक्षा एवं कानूनी अनुपालन के लिए गंभीर खतरा है।

डॉ सोई जो लम्बे समय से परिवहन प्रबन्धन, सड़क सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं के प्रबन्धन से जुड़े रहे हैं, वे आम जनता की सुरक्षा एवं कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी नीतियों को लागू करने और इनके कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भौतिक रूप में (लैमिनेटेड कार्ड या स्मार्ट कार्ड) ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद राजस्थान परिवहन विभाग कानूनी अधिदेशों एवं दिशानिर्देशों की अवहेलना करते हुए सिर्फ डिजिटल दस्तावेज जारी करने पर ज़ोर दे रहा है। राजस्थान परिवहन विभाग ने 8 फरवरी 2024 को अधिसूचना जारी कर दी है कि 1 अप्रैल 2024 से ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र केवल डिजिटल रूप में ही जारी किए जाएंगे।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की स्पष्ट अडवाइज़री का हवाला देते हुए डॉ सोई का कहना है कि केन्द्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीकरण प्रमाण पत्र सिर्फ भौतिक रूप में ही जारी किए जाने चाहिए। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में 18 जुलाई 2023 और 9 फरवरी 2024 को स्पष्टीकरण दिया है कि इन नियमों का अनुपालन करते हुए लेमिनेटेड-कार्ड प्रकार के दस्तावेज जारी करना अनिवार्य है।

डॉ सोई इस मुद्दे के समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं, जिसमें राजस्थान परिवहन विभाग को 14 अप्रैल 2023, 4 मई 2023 और 4 नवम्बर 2023 को दिए गए अभ्यावेदन शामिल हैं, जिनके द्वारा कानूनी नियमों और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुपालन की मांग की गई है। हालांकि विभाग मानदण्डों की अवहेलना करते हुए सिर्फ डिजिटल दस्तावेज जारी करने करने पर कायम है। विभाग ने 8 फरवरी 2024 को अधिसूचना, ऑफिस ऑर्डर संदर्भ P7(566)Pari/Niyam/Mu./eRC-eDL/2024/3743   दिनांकित 5 मार्च 2024; एनआईसीएसआई को दिए गए संचार दिनांकित 7 मार्च 2024 जारी किए हैं और सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक रूप में डीएल एवं आरसी जारी करने के लिए एनआईसीएसआई के साथ समझौता ज्ञापन समाप्त कर दिया है।

इसके अलावा मैंने पाया है कि राजस्थान परिहवन विभाग राज्य में डीएल/आरसी को प्रिंट करने के लिए ई-मित्रा केन्द्र रूट अपनाना चाहता है, इसके बजाए एनआईसीएसआई के माध्यम से इसे लागू नहीं करना चाहता है। मैं आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपने निर्देशित पत्र दिनांकित 19 मई 2017 के माध्यम से कहा कि वेब-सर्विस इस्तेमाल करने वाले ऐप्लीकेशन/ऐप/पोर्टल का लेखापरीक्षण CERT-IN/ STQC द्वारा अनुमोदित सुरक्षा लेखापरीक्षक द्वारा किया जाएगा और इसकी रिपोर्ट सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजी जाएगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ने निर्देश दिए हैं कि इस तरह का लेखापरीक्षण हर किया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह भी कहा है कि ऑडिट सर्टिफिकेट प्राप्त होने पर वेब सर्विस को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सक्षम किया जाएगा, और उपरोक्त बिन्दुओं के अनुपालन के संदर्भ में आधिकारिक लैटर-हैड पर सक्षम अधिकारी से वचनपत्र लिया जाएगा।

अत्यन्त सम्मानपूर्व प्रस्तुत किया जाता है कि हर ई-मित्र केन्द्र के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के कर्थित निर्देशों का अनुपालन करना और वेब सर्विस का उपयोग करने के लिए लेखापरीक्षण का प्रमाणपत्र पाना असंभव है। मान लीजिए, ऐसा हो भी जाए, हालांकि ऐसा संभव नहीं है कि हर ई-मित्र केन्द्र को ऑडिट सर्टिफिकेट मिल जाए, तब भी हर ई-मित्र केन्द्र के लिए यह सुनिश्चित करना संभव नहीं होगा कि किसी भी थर्ड पार्टी को ऐप्लीकेशन/ऐप के ज़रिए वेब सर्विस का एक्सेस न मिले और इस तरह डीएलआरसी के डेटा को सुरक्षित रखना असंभव हो जाएगा।

यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि राजस्थान पाकिस्तान का सीमा राज्य है और आतंकवादी खतरों के लिए संवेदनशील है। ऐसे राज्य सरकार को इस मुद्दे की गंभीरता को समझना चाहिए और सख्ती से सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी डीएल/आरसी डेटा लीक न हो और न ही पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हो। यह प्रस्तुत किया जाता है कि अगर सरकार ई-मित्र केन्द्र के माध्यम से डीएल/आरसी प्रिंट कराने की अनुमति देती है, जैसा कि परिवहन विभाग ने फैसला लिया है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए कोई तरीका नहीं है कि डेटा लीक नहीं होगा /पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं होगा, जिसका उपयोग आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधियों के लिए किया जा सके।

कथित तथ्यों के संदर्भ  में राजस्थान परिवहन विभाग को सख्त सलाह दी जाती है और अनुरोध किया जाता है कि राज्य में डीएल/आर प्रिंटिंग के लिए ई-मित्र केन्द्र रूट की अनुमति न दें और इसके बजाए एनआईसीएसआई के माध्यम से इसे लागू करें, जैसा कि पहले किया जाता रहा है। इस एजेंसी के साथ राज्य में डीएल/आरसी जारी करने का व्यापक अनुभव है, और एजेन्सी के पास इस काम के लिए उद्योग जगत के विशेषज्ञ हैं।

मैं राजस्थान परिवहन विभाग से अनुरोध करता हूं कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप एनआईसीएसआई को जारी रखने पर विचार करें, जो वर्तमान में राजस्थान को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। राजस्थान परिवहन विभाग को सलाह दी जाती है कि ई-मित्र केन्द्र रूट न अपनाएं, इसके बजाए स्मार्ट कार्ड वाले डीएल /आरीसी जारी करने के लिए एनआईसीएसआई की सेवाओं का इस्तेमाल जारी रखें, जिनके पास इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव है और उनके साथ इस कार्य के लिए उद्योग जगत के विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं।

इन विकास कार्यों के संदर्भ में डॉ सोई ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया से आग्रह किया कि इस मुद्दे को रोशनी में लाएं और राजस्थान परिवहन विभाग के साथ मिलकर सुनिश्चित करें कि इस पर तत्काल कार्रवाई की जाए। डॉ सोई ने निम्न के लिए आह्वान कियाः

अ. ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र भौतिक रूप में ही जारी किया जाए (कार्ड, चिप के साथ या चिप के बिना), इस संदर्भ में केन्द्रीय मोटर नियमों तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशों का अनुपालन किया जाए।

ब. भौतिक दस्तावेजों के साथ वैकल्पिक रूप से डिजिटल दस्तावेज जारी किए जाएं, ताकि आधुनिक तरीकों के अनुसार इसे डिजिलॉकर जैसे प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखा जा सके।

सड़क सुरक्षा के लिए डॉ सोई की प्रतिबद्धा इस कानूनी मुद्दे को हल करने की तात्कालिकता पर रोशनी डालती है जो राजस्थान के लोगों के जीवन को सुरक्षित करते हुए कानूनी अनुपालन को सुनिश्चित करता है। अधिक जानकारी या साक्षात्कार के लिए डॉ सोई से संपर्क करें।

Popular posts from this blog

पीएनबी मेटलाइफ सेंचुरी प्लान - आजीवन आय और पीढ़ियों के लिए सुरक्षा

किराया माफ़ी अभियान की सफलता ने जन्म दिया अॉल किराएदार महासंघ को

एंटेरो हेल्थकेयर सॉल्यूशंस लिमिटेड ने सेबी के समक्ष दाखिल किया ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी)