भारतीय शहरों में सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन और शेयर्ड मोबिलिटी का विश्लेषण करती है उबर की यह नई रिपोर्ट

दिल्ली, 19 मई, 2023: उबर नें आज ही अर्बन इंडिया में ट्रांसपोर्टेशन ट्रेंड्स पर अपनी एक रिपोर्ट लॉन्च की है, जिसका शीर्षक - 'फ्यूचर ऑफ सिटीज एंड शेयर्ड मोबिलिटी इन इंडिया' है। इस रिपोर्ट में विश्लेषण किया गया है ट्रांसपोर्टेशन से संबंधित उन ट्रेंड्स का जो भविष्य में परिवहन की दुनिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाते हैं। उबर द्वारा नियुक्त और न्यूयॉर्क स्थित डिजाइन और प्लानिंग WXY स्टूडियो द्वारा संकलित, यह रिपोर्ट शेयर्ड मोबिलिटी के महत्व और जरूरतों को दर्शाती है। साथ ही, लोगों के लिए कुशल और किफायती परिवहन में सुधार लाने और देश में निजी कार स्वामित्व की बढ़ती इच्छा पर भी ध्यान केंद्रित करती है।


उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष, प्रभजीत सिंह नें आज यह रिपोर्ट दिल्ली में माननीय केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री, हरदीप पुरी को प्रस्तुत की। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास इनोवेटिव मोबिलिटी-एज-ए-सर्विस (MaaS) सॉल्यूशन को तेजी से ट्रैक करके और पार्किंग नीतियों के साथ सड़क के डिजाइन पर पुनर्विचार करके ऑटो निर्भरता के युग में छलांग लगाने का अवसर है। यह तेजी से शहरी सेटिंग में स्मार्ट, न्यायसंगत विकास के लिए एक नया प्रतिमान बनाने में मदद करेगा और भारत में निजी वाहनों को लाए बिना, मोबिलिटी पहुंचाने में मदद करेगा।

अपने विचार साझा करते हुए, उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष, प्रभजीत सिंह ने कहा -  “उबर भारत के लिए एक सस्टेनेबल फ्यूचर की कामना करता है और शहरों को पहले से ज्यादा रहने लायक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज कि यह रिपोर्ट इस बात का प्रमाण है कि  हमारे जैसे राइड-शेयरिंग प्लेटफॉर्म, देश में  ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। स्मार्ट प्लानिंग, बेहतर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और लास्ट माइल कनेक्टिविटी के साथ हम एक मजबूत और सस्टेनेबल  ईकोसिस्टम बना सकते हैं, जो भारत को मजबूत बनाकर उभार सकता है और दुनिया के किसी भी शहर को टक्कर दे  सकता है।”

इस रिपोर्ट के अनुसार, प्राइवेट कार ओनरशिप की बढ़ती मांग और कोविड-19 के दौरान सेफ्टी को लेकर उठी चिंताएं, आज भारत के सस्टेनेबल मोबिलिटी के भविष्य के लिए एक चुनौती बन गई है। मगर अच्छी खबर यह है कि इस प्रवृत्ति को एकीकृत परिवहन और भूमि उपयोग नीतियों द्वारा रोका जा सकता है। कारों से गैर-मोटर चालित परिवहन (NMT) और स्थायी साधनों के लिए जगह को पुनः आवंटित करके और मुफ्त पार्किंग को सीमित करके, हम भारतीय सड़कों की पुनर्कल्पना कर सकते हैं। और इसी तरह देश के हर शहर को एक सस्टेनेबल फ्यूचर की ओर अग्रसर कर सकते हैं।
इसी तरह बाइक चलाने, विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन, ऑन-डिमांड मोबिलिटी और शेयर्ड सर्विस में विस्तार, सरकारों को व्यक्तिगत चार-पहिया वाहनों के विकास को रोकने और सभी के लिए व्यक्तिगत मोबिलिटी में सुधार करने में सक्षम बना सकता है। इस बदलाव का उन लोगों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिनके पास वाहन नहीं है। यह रिपोर्ट बताती है कि किस तरह एक मजबूरत प्राइवेट और पब्लिक कॉलेबोरेशन भारत को तेजी से सस्टेनेबल बना सकता है।

रिपोर्ट में शेयर्ड मोबिलिटी में सुधार लाने के लिए कई सारे सुझाव दिए गए हैं। इन सुझावों में मल्टीमॉडल मोबिलिटी मैनेजर्स के रूप में काम करके शहरों में यूनिफाइड ट्रांसपोर्ट बॉडीज (यूटीबी) को सशक्त बनाना शामिल है। साथ ही, फर्स्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए सार्वजनिक परिवहन स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों को विकसित करने पर जोर दिया गया है। इससे आसपास का माहौल अच्छा होगा और लोगों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। इसके अलावा, शेयर्ड मोबिलिटी कंपनीज के साथ जुड़कर काम करने से भी काफी सहायता मिल सकती है। अंत में, इलेक्ट्रिक वीकल पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडीज की मदद से हम सटेनेबल मोबिलिटी की ओर एक कदम और बढ़ा लेंगे।

यह रिपोर्ट विभिन्न सूत्रों से जानकारी एकत्र करती है, जिसमें शोध पत्र, सर्वेक्षण, परिवहन विशेषज्ञों के साथ साक्षात्कार और चार शहरों में उबर के राइड डेटा का विश्लेषण शामिल है। WXY स्टूडियो द्वारा किए गए इन सर्वेक्षणों के अनुसार, भारत में परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि उबर देश की परिवहन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह लोगों के यात्रीय अनुभव को बेहतर बनाता है और एक से दूसरी जगह जाने के लिए कई तरह की सहूलियत प्रदान करता है। साथ ही, अन्य परिवहन सेवाओं के साथ बेहतर समन्वय की सुविधा देता है।


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