गैर-विवेकाधीन, पूर्व-घोषित, स्वचालित रूप से लागू, पारदर्शी, सभी योग्य स्टॉक पर लागू विनियमों के अनुसार स्टॉक पर एनएसई की निगरानी कार्रवाई

मुंबई, 21 मार्च, 2023 : ए- पारदर्शी, गैर-विवेकाधीन नियमों के आधार पर किया जाता है अतिरिक्त निगरानी उपायों (एएसएम) में स्टॉक को शामिल करने/बाहर करने संबंधी निर्णय

  1. योग्य स्टॉक पर एनएसई की निगरानी कार्रवाई पारदर्शी नियमों के अनुसार लागू होती है। ये नियम गैर-विवेकाधीन,पूर्व-घोषित और स्वचालित रूप से लागू होते हैं।
  2. अतिरिक्त निगरानी उपायों (एएसएम) और अन्य व्यापारिक गतिविधि-आधारित विशिष्ट नियम उन मापदंडों पर आधारित हैं,जो प्राइस वोलेटिलिटी, वॉल्यूम्स, बाजार पूंजीकरण, क्लाइंट कंसंट्रेशन, लिक्विड पैरामीटर्स आदि पर विचार करते हैं। इन नियमों में प्राइस बैंड, ट्रेड फॉर ट्रेड (टी2टी) जैसे नियम शामिल हैं। इसी आधार पर शेयरों को शामिल करने या बाहर करने संबंधी निर्णय किया जाता है। सटीक पैरामीटर और इन्हें लागू करने की अवधि सार्वजनिक डोमेन में हैं और लगातार लागू किए गए हैं।
  3. सभी एक्सचेंजों में आम,ये नियम स्वचालित रूप से लागू होते हैं और इनमें किसी प्रकार के मानवीय विवेक की अनुमति नहीं है। ये नियम और समीक्षा अवधि भी बाजार के लिए पूर्व घोषित हैं। इन पूर्व-घोषित नियमों के परिणामस्वरूप होने वाली कार्रवाइयाँ सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं और उन सभी शेयरों पर विवेक के बिना लागू की जाती हैं जो ऐसे नियमों के तहत आते हैं।
  4. यह पूरा फ्रेमवर्क समय की कसौटी पर जांचा-परखा है। इसके अलावा,नए नियमों के आधार पर भविष्य में किसी भी कार्रवाई के लागू होने से पहले उक्त नियमों में किसी भी बदलाव की पूर्व घोषणा भी की जाती है। परिभाषित मापदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रोसेस आडिट और समय-समय पर निरीक्षण किए जाते हैं। कार्रवाइयाँ एक स्वचालित तरीके से लागू की जाती हैं और किसी अपवाद की अनुमति नहीं है। नियम, कार्रवाई, अवधि आदि www.nseindia.com पर उपलब्ध हैं।

ब- पारदर्शी, गैर-विवेकाधीन नियमों के आधार पर सूचकांकों में स्टॉक को शामिल करने/बाहर करने  संबंधी निर्णय

  1. इसी तरह,निफ्टी के विभिन्न सूचकांकों में समय-समय पर शेयरों को शामिल करने और बाहर करने संबंधी निर्णय पारदर्शी नीतियों के अनुसार किया गया है। सभी निफ्टी सूचकांकों को एनएसई की सहायक कंपनी एनएसई इंडिसेज लिमिटेड (एनएसई इंडिसेज) द्वारा मेंटेन किया जाता है, और यह इंडेक्स मेथडोलॉजी पर आधारित होते हैं जो ऑब्जेक्टिव, गैर-विवेकाधीन, नियम आधारित, पूर्व-घोषित और पारदर्शी होते हैं। इंडेक्स में किसी भी स्टॉक को शामिल करने या किसी मौजूदा स्टॉक को इंडेक्स से बाहर करने के लिए इंडेक्स मानदंड अच्छी तरह से परिभाषित, प्रलेखित और एनएसई और एनएसई इंडेक्स वेबसाइट  (www.nseindia.com and www.niftyindices.com) पर उपलब्ध कराए गए हैं। सूचकांक के उद्देश्य और अंतर्निहित बाजार (जिसका सूचकांक प्रतिनिधित्व करना चाहता है) के आधार पर प्रत्येक निफ्टी सूचकांक के लिए विशिष्ट कार्यप्रणाली भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, भारत के प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 में शेयरों को शामिल करना, फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण, प्रभाव लागत, ट्रेडिंग फ्रीक्वेंसी और एक्सचेंज के एफ एंड ओ सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए स्टॉक की उपलब्धता पर आधारित है।
  2. एनएसई सूचकांक,वित्तीय बेंचमार्क के लिए आईओएससीओ के सिद्धांतों के अनुरूप है। यह सूचकांक पॉलिसी में परिवर्तनों या सूचकांक के घटकों में परिवर्तनों से संबंधित नीतियों की निगरानी के लिए विभिन्न गवर्नेंस कमेटियों के माध्यम से एक मजबूत इंडेक्स गवर्नेंस प्रेक्टिस का पालन करता है। इन समितियों में बाहरी स्वतंत्र सदस्य भी शामिल हैं। किसी भी सूचकांक के घटकों से संबंधित नीतियों में सभी परिवर्तनों को ऐसी सूचकांक गवर्नेंस कमेटियों द्वारा अनुमोदित किया जाता है। मानवीय हस्तक्षेप और विवेक के बिना नियम स्वचालित रूप से लागू होते हैं। इसके अलावा, इस तरह के स्वतः नियम-आधारित समीक्षाओं के परिणाम भी सूचकांकों में परिवर्तन, यदि कोई हो, को लागू करने से बहुत पहले घोषित किए जाते हैं।
  3. एक बार सूचकांक मानदंड तय हो जाने के बाद,एनएसई सूचकांक या इसकी समितियां इसके किसी भी सूचकांक में शेयरों को शामिल करने या बाहर करने का निर्णय लेने में कोई मानवीय विवेक का प्रयोग नहीं करती हैं। एनएसई और एनएसई सूचकांकों की वेबसाइट पर उपलब्ध अच्छी तरह से परिभाषित सूचकांक मानदंडों के आधार पर, बाजार प्रतिभागी आगामी सूचकांक समीक्षा में विभिन्न सूचकांकों में सूचकांक घटकों में बदलाव की भविष्यवाणी करने में सक्षम हैं।

इस प्रकार एनएसई में निगरानी उपायों और सूचकांक में शामिल करने/बाहर करने के लिए मौजूदा पूर्व-घोषित, पारदर्शी, नियम आधारित, स्वचालित, गैर-विवेकाधीन नियामक ढांचे को देखते हुए, किसी के लिए कोई मानव विवेक संभव नहीं है और यह पूरी प्रक्रिया और प्रेक्टिस दशकों से चल रही है।

सेकंडरी बाजार में व्यापार के लिए ओवरऑल रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क को विशेष रूप से अस्थिर समय में पूंजी बाजार इको सिस्टम को मजबूती प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।

पिछले 3 दशकों में, भारतीय स्टॉक एक्सचेंज विश्व स्तरीय, आधुनिक, स्क्रीन आधारित, नियम आधारित, निष्पक्ष, कुशल, पारदर्शी और व्यवस्थित बाजारों में विकसित हुए हैं। इन 3 दशकों में विनियामक ढांचा भी भारत और विदेशों से प्रतिभागियों के एक व्यापक स्पेक्ट्रम को विश्वास और निश्चितता के साथ सुविधा प्रदान करने के लिए विकसित हुआ है।

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