अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 - महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता का जश्न
इंदिरा महिला शक्ति श्रेणी के तहत छह पुरस्कार दिए गए - तीन महिलाओं को और तीन गैर सरकारी संगठनों को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए। माता यशोदा के तहत झुंझुनू के आठ ब्लॉकों में से प्रत्येक से सर्वश्रेष्ठ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को 16 पुरस्कार दिए गए। उड़ान श्रेणी के तहत झुंझुनू के विभिन्न ब्लॉकों में मासिक धर्म से संबंधित स्वच्छता जागरूकता में बदलाव लाने वालों को 11 पुरस्कार दिए गए।
पीरामल ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और पीरामल एंटरप्राइजेज की डायरेक्टर, पद्मश्री से सम्मानित डॉ. स्वाति पीरामल इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं। वे पीरामल फाउंडेशन की डायरेक्टर भी हैं, जो भारत के भीतर सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले समूहों पर ध्यान केंद्रित करता है, राज्यों की प्रभावशाली पहलों को लागू करने की क्षमता को मजबूत करता है, और युवाओं को राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में शामिल करता है।
कार्यक्रम की सह अध्यक्षता जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, सीईओ जिला परिषद जवाहर सिंह व जिला कोषागार अधिकारी दीपिका साहू ने की।
अपने संबोधन में डॉ. स्वाति पीरामल ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘पीरामल फाउंडेशन आज 27 राज्यों में काम कर रहा है, लेकिन बगड़, झुंझुनूं से ही इस सबकी शुरुआत हुई थी। झुंझुनंू की महिलाएं अपनी बहादुरी और साहसिक कार्यों के लिए जानी जाती हैं। मेरा मानना है कि महिलाओं को शिक्षित करना और उन्हें रोजगार देना सभ्यता में क्रांति लाता है। पीरामल फाउंडेशन की ऐसी ही एक पहल ‘करुणा फैलोशिप प्रोग्राम’ ग्रामीण महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने में सहायता देने के लिए समर्पित है।’’
झुंझुनूं के जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने महिलाओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, ‘‘झुंझुनूं की महिलाएं देश भर के विभिन्न उद्योगों में बेहतर काम कर रही हैं और निरंतर आगे बढ़ रही हैं, और अधिक आत्मनिर्भर बन रही हैं। जब कभी वित्तीय प्रबंधन की बात आती है, तो महिलाएं हमेशा एक कदम आगे रहती हैं। हमारा लक्ष्य जिले की सभी महिलाओं को आर्थिक रूप से आगे बढ़ने में सक्षम बनाना है।’’
इस कार्यक्रम में श्री विप्लव नेओला, उप निदेशक, झुंझुनूं ने भी भाग लिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस जिले की 50,000 बेटियों का एक गौरवान्वित पिता हूं और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन सभी के प्रयासों को स्वीकार करना चाहता हूं। हमने सभी महिलाओं को सशक्त बनाने और रोजगार देने के लिए जिला प्रशासन के साथ ‘मिशन शी’ लॉन्च किया है।’’
इस कार्यक्रम में 1,500 से अधिक लोगों ने भाग लिया। छह स्टालों पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। झुंझुनू में एसएचजी का सबसे कुशल नेटवर्क है, जो साप्ताहिक मिलते हैं, जिसमें महिलाएं 100 रुपए जमा करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप 5000 एसएचजी के माध्यम से 12.19 करोड़ रुपए का कुल कोष एकत्र हुआ है।
स्वयं सहायता समूह छोटे लेनदारों और बचत समूहों से आगे बढ़कर सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से एक बन गए हैं, खासकर झुंझुनू जैसे टियर 3 शहरों में। यह दर्शाता है कि महिलाएं हमारी अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण में कितना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।