मैक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग में पिछले साल जन्मी 540 ग्राम का बच्ची 1 साल का हुई बहुत कम वज़न के कारण बच्ची को स्वास्थ्य संबधी कई जटिलताएं थीं और 5 महीनों तक एनआईसीयू में उसका इलाज किया गया

 

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर, 2022: पिछले साल एक दुर्लभ मामले में मैक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग में एक ऐसी बच्ची का जन्म हुआ, जिसका वज़न मात्र 540 ग्राम था। तकरीबन 6 महीने तक बच्ची का इलाज किया गया, आज यह बच्ची अपना पहला जन्मदिन मना रही है। 

यह मामला डॉ कौशकी शंकर, कन्सलटेन्ट एवं इनचार्ज, नियोनेटोलोजी, मैक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग, नई दिल्ली और उनकी टीम के पास था। बच्ची की मां को 26 सप्ताह की गर्भावस्था में भर्ती किया, उस समय उनमें प्री-एक्लेम्पसिया का निदान किया गया था (गर्भावस्था के दौरान मां को हाई ब्लड प्रेशर होना) जिसके चलते बच्चे को खतरा था। ऐसे में डॉक्टरों ने बेबी की प्रीटर्म डिलीवरी के लिए एमरजेन्सी सर्जरी करने का फैसला लिया। समय से पहले जन्म लेने के कारण बच्ची का वज़न बहुत ही कम- मात्र 540 ग्राम था। बच्ची को तुरंत एनआईसीयू में भेज दिया गया, जहां उसे मैकेनिकल वेंटीलेशन पर रखा गया। आमतौर पर समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों को एनआईसीयू में रखना पड़ता है। बच्ची को 42 दिनों तक इनवेसिव वेंटीलेशन पर रखा गया, जिसमें से 18 दिनों के लिए हाई फ्रिक्वेन्सी ऑसीलेटरी वेंटीलेशन पर रखा गया। उसे पेरेटेरेल न्यूट्रिशन दिया जा रहा था (ऐसा तरीका जिसमें गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से बच्चे को खाना दिया जाता है)

इस बार में बात करते हुए डॉ कौशकी शंकर, कन्सलटेन्ट एवं इनचार्ज, नियोनेटोलोजी, मैक्स सुपर स्पेशलटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग, नई दिल्ली ने कहा, ‘‘जैसा कि हमें उम्मीद थी, इस बहादुर बच्ची को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लम्बे समय तक उसे रेस्पीरेटरी परेशानियां रहीं, उसे कार्डियक सपोर्ट पर रखना पड़ा, गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जटिलताएं भी हुईं। इतने कम वज़न के बच्चे की डिलीवरी हमारे लिए बड़ी चुनौती थी। हालांकि हमने सिर्फ सफल डिलीवरी कराई बल्कि बच्ची का सफल इलाज भी किया। 5 महीने 23 दिनों तक एनआईसीयू में रखने के बाद हमने बच्ची को छुट्टी दे दी। छुट्टी के समय उसका वज़न 3.047 किलोग्राम था और वह फुल फीड एवं 1 लीटर प्रति मिनट होम ऑक्सीजन थेरेपी पर थी, रीग्रेसिंग आरओपी के साथ उसमें कोई श्रवण दोष नहीं था। अब उसे रेस्पीरेटरी सपोर्ट से हटा लिया गया है और वह सीधे कप फीडिंग पर है।’’

‘‘आज बच्ची अपना पहला जन्मदिन मना रही है। हमें खुशी है कि हम उसका जीवन बचाने में सफल रहे। डॉ शंकर ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा। 

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