अवादा फाउंडेशन 2030 तक ई-एजुकेशन, एम्पॉवरमेंट और एनवायनरमेंट पहल के माध्यम से 10 लाख लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा

मुंबई. 05 अक्टूबर 2022: अवादा ग्रुप की परोपकारी शाखा अवदा फाउंडेशन ई-एजुकेशन, एम्पॉवरमेंट और एनवायनरमेंट यानी 3-ई गतिविधियों पर केंद्रित अपनी सीएसआर पहलों के माध्यम से, अपने संचालन के सभी 11 राज्यों में 2030 तक 10 लाख लोगों के जीवन को प्रभावित करने का लक्ष्य लिए हुए है। फाउंडेशन पहले ही स्वास्थ्य और ग्रामीण विद्युतीकरण के साथ-साथ अपनी विभिन्न सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से भारत भर में 2 लाख से अधिक लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के विजन और मिशन पर काम कर चुका है।

अवादा ग्रुप सामुदायिक जुड़ाव में दृढ़ विश्वास रखता है और अवादा फाउंडेशन लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने वाली दृष्टि पर केंद्रित है। 3-ई का उद्देश्य समाज के गरीबों और हाशिए के वर्गों के सामने आने वाली चुनौतियों से जूझना है। भारतीय संस्कृति के धार्मिक ऋणों में उल्लेखित एक ऋण ‘भूत ऋण’ भी है, जिसका मतलब है कि हम पैदा होने के समय से कर्ज में हैं। हम पर्यावरण से संसाधन लेते हैं, यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने पूर्वजों, पर्यावरण, पौधों और जानवरों को वापस भुगतान करें। यह समय है कि हम अपने आस-पास के लोगों की मदद करें ताकि उनके जीवन में बदलाव आ सके। अवादा ग्रुप के चेयरपर्सन विनीत मित्तल कहते हैं, ‘इसी भावना के साथ हम अपनी सामाजिक पहलों और समाधानों के माध्यम से लाखों लोगों की मदद करने का लगातार प्रयास करते हैं। समाज को वापस देना कॉरपोरेट्स की नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए और हम समाज की बेहतरी की दिशा में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, विद्युतीकरण के क्षेत्र में हमारी पहल भारत को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के हमारे संकल्प का प्रतिबिंब है।’
‘अवादा महान उद्देश्यों के लिए संचालित व्यवसायों के संचालन की एक परिणति है और फाउंडेशन ने अपने सामुदायिक विकास प्रमाणपत्र (सीडीसी) और ग्रो फॉरेस्ट मैकेनिज्म (जीएफएम) के माध्यम से पर्यावरण को लाभान्वित किया है। एसडीजी के अनुरूप, हमने ग्रामीण परिवेश में महिला सशक्तीकरण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से कई मानवीय कार्यक्रम शुरू किए हैं।’
अवादा फाउंडेशन की कक्षाओं, पेयजल सुविधाओं, विज्ञान प्रयोगशालाओं और अन्य सुविधाओं के निर्माण की पहल, स्कूलों तक बिजली की पहुंच सुनिश्चित करने ने शिक्षा क्षेत्र में 35,000 से अधिक लोगों के जीवन पर प्रभाव डाला है। फाउंडेशन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है और महाराष्ट्र और राजस्थान में अपने स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से इसने 70,000 से अधिक लोगों को लाभान्वित किया है।
अवादा फाउंडेशन ने उमरदा (राजस्थान) और छताई (उत्तर प्रदेश) में अपने नव किरण सिलाई केंद्र और नव किरण डिजिटल केंद्र के माध्यम से 20,000 से अधिक लोगों को कुशल बनाया गया है और उन्हें अपनी आजीविका कमाने में मदद मिली है। अवादा फाउंडेशन का ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम देश के सुदूर क्षेत्रों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश के जयपुर में, अवादा फाउंडेशन ने गांव की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दो 25केडब्ल्यू सौर फोटोवोल्टिक संयंत्र स्थापित किए हैं। इस विद्युतीकरण प्रक्रिया से कुल मिलाकर 634 घर या लगभग 3100 लोग लाभान्वित हुए हैं।
पर्यावरण संरक्षण के लिए, अवादा फाउंडेशन ने कर्नाटक के पावागड़ा और बदायूं और बीकानेर में वृक्षारोपण अभियान शुरू किया है और अब तक 65,000 से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। अवादा समूह लगातार भारतीय संस्कृति से ज्ञान और प्रेरणा प्राप्त करता है और समाज, राष्ट्र और मातृ प्रकृति को वापस देना इसके लोकाचार के मूल में है। फाउंडेशन वर्षपर्यंत इन प्रथाओं का लगातार पालन करने में विश्वास करता है।

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