पीरामल फाउंडेशन ने 15 वर्ष पूरे होने पर अपना स्थापना दिवस मनाया; 113 मिलियन भारतीयों के जीवन को कर सकारात्मक तरीके से कर चुका है प्रभावित

मुंबई, 27 जुलाई, 2022: पीरामल फाउंडेशन ने आज अपनी स्थापना के 15 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 'स्थापना दिवस' मनाया। इसने पिछले 15 वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और सामाजिक क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचारों को आगे बढ़ाने का काम किया है। सेवाभाव की भावना से प्रेरित, इस फाउंडेशन ने पूरे भारत में सबसे अधिक वंचित लोगों तक पहुंचने की पहल को लागू किया है और 113 मिलियन लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप में प्रभावित किया है।

फाउंडेशन ने नवाचारों को बड़े पैमाने पर ले जाने के लिए प्रोजेक्ट टू प्लेटफॉर्म एप्रोच और प्रणालीगत परिवर्तन हेतु क्षमता संवर्धन के लिए पार्टनरशिप्स एप्रोच का उपयोग करके 6 बिग बेट्स के अपने पुनर्कल्पित पोर्टफोलियो की घोषणा की। इसके माध्यम से, बिग बेट्स का लक्ष्य उन सबसे कठिन समस्याओं को हल करना है जो भारत की क्षमता को प्राप्त करने में बाधाएं हैं।

वो 6 बिग बेट्स जिसके जरिए पीरामल फाउंडेशन का उद्देश्य भारत में परिवर्तन की गति को तेज करना है:

  1. अनामया, जनजातीय स्वास्थ्य सहयोग (अनामया, द ट्राइबल हेल्थ कोलैबोरेटिव) का उद्देश्य समुदायों और सार्वजनिक वितरण प्रणालियों को समान रूप से मजबूत करके 100 मिलियन से अधिक जनजातीय लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर जनजातीय समुदायों में टाली जा सकने योग्य मौतों को टालने का काम किया है। साझेदारियों में जनजातीय मामला मंत्रालय, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, यूएसएआईडी, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च और एकजुट फाउंडेशन के साथ की गई साझेदारी शामिल हैं।
  2. महत्वाकांक्षी जिला सहयोग (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स कोलैबोरेटिव) का उद्देश्य हाइपरलोकल कोलैबोरेशन और लास्ट माइल कन्वर्जेंस के माध्यम से 2030 तक 112 एस्पिरेशनल जिलों में घोर गरीबी में रहने वाले 100 मिलियन लोगों के जीवन का उत्थान करना है। इसमें प्रमुख भागीदार नीति आयोग, 112 आकांक्षी जिलों की जिला सरकारें, एडलगिव फाउंडेशन, टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड और डेलॉइट शामिल हैं।
  3. डिजिटल भारत कोलैबोरेटिव का उद्देश्य डिजिटल पब्लिक हेल्थ डिलीवरी प्लेटफॉर्म को मजबूत बनाकर स्वास्थ्य प्रणाली को बदलना है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, 5 राज्य सरकारें, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, रॉकफेलर फाउंडेशन, सिस्को, जेनपैक्ट, विप्रो प्रमुख भागीदार हैं।
  4. पीरामल यूनिवर्सिटी भविष्य के लिए तैयार और 'सेवा-भाव' उन्मुख सार्वजनिक प्रणाली के नेतृत्वकर्ताओं का निर्माण करती है जिससे नवाचार और सीखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। यह सरकारी समय के विलंब, अशुद्धियों और अपव्यय को रोकने के लिए संस्थागत प्रक्रियाओं, पद्धतियों और प्रबंध को मजबूत करती है। 7 राज्य सरकारों, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, एमोरी यूनिवर्सिटी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, यूनिसेफ, गूगल, जेनपैक्ट, पोर्टिकस, सोफिना और चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन के साथ रणनीतिक साझेदारी है।
  5. पीरामल एकेडमी ऑफ सेवा युवाओं की शक्ति को उपयोग में लाती है और राष्ट्र निर्माण में लगे भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं को पूर्णकालिक इमर्सिव, अनुभवात्मक फेलोशिप के माध्यम से मूल में आत्म-परिवर्तन में सक्षम बनाती है। देश भर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, एडेलगिव फाउंडेशन, चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी की गई है।
  6. पीरामल सेंटर फॉर चिल्ड्रेन विद स्पेशल नीड्स अत्याधुनिक डिजाइन और सुविधाओं, विश्व स्तर के पाठ्यक्रम, विशेष अनुप्रयोगों, तेजी से सीखने में सहायक उपकरणों, विकलांग व्यक्तियों के रोजगार हेतु कौशल निर्माण के साथ उत्कृष्टता के प्रकाशस्तंभ का निर्माण करके व्यापक संरचनात्मक अंतराल और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए पर्याप्त, गुणवत्ता देखभाल के अभाव को पूरा करता है। विकलांग व्यक्तियों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने हेतु विशेषज्ञों और सरकार के साथ सहयोग किया गया है।

पीरामल ग्रुप के चेयरमैन, श्री अजय पीरामल ने कहा, “स्थापना दिवस के अवसर पर पीरामल फाउंडेशन की टीम को मेरी ओर से बधाई। अब तक की यात्रा समृद्ध होने के साथ-साथ प्रेरक भी रही है। सेवाभाव से वंचित भारतीयों के जीवन को स्पर्श करने के हमारे प्रयास सेवाभाव की हमारी भावना से निर्देशित हैं। हम डूइंग वेल और डूइंग गुड में विश्वास करते हैं, जिसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि हमारी सफलता आंतरिक रूप से समाज से भी अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। भारत का वास्तविक परिवर्तन तब होगा जब हम लाखों भारतीयों तक पहुंचने और उन्हें भारत की विकास यात्रा के हिस्से के रूप में शामिल करने में सक्षम होंगे। हम 'किसी को पीछे नहीं छोड़ना' के अपने लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें विश्वास है कि यह सरकार, नागरिक समाज और एनजीओ भागीदारों के बीच अधिक सहयोग के माध्यम से हासिल किया जा सकेगा।"

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