20 से 23 दिसंबर तक ध्रुवपद-प्रशिक्षण कार्यशाला

-25 व 26 दिसंबर को ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय ध्रुवपद समारोह
जेकेके में 20 दिसंबर से 'ध्रुवपद की अमृतवाणी' कार्यक्रम शुरू 
जयपुर।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जवाहर कला केंद्र  में अंतरराष्ट्रीय ध्रुवपद धाम ट्रस्ट जयपुर द्वारा जेकेके की सहभागिता से 20 दिसंबर से 26 दिसंबर तक 6 दिवसीय 'ध्रुवपद की अमृतवाणी' कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम के तहत 20 से 23 दिसंबर तक ध्रुवपद-प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया । यह कार्यशाला शाम 4 बजे से 6 बजे तक आयोजित की गई , जिसमें ध्रुवपद-गुरू पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग के मार्गदर्शन में ध्रुवपद-गायिका प्रो. डॉ. मधु भट्ट तैलंग ध्रुवपद का प्रशिक्षण प्रदान किया । इस 6 दिवसीय कार्यक्रम की अगली कड़ी के रूप में ट्रस्ट द्वारा 27वां ध्रुवपद नाद निनाद विरासत समारोह का आयोजन 25-26 दिसम्बर को शाम 4 बजे से किया जाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय समारोह जेकेके के  रंगायन सभागार से ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा। समारोह के पहले दिन कार्यशाला के प्रशिक्षित विद्यार्थी ध्रुपद शैली में राष्ट्रगीत 'वन्देमातरम्' से प्रारम्भ करेंगे। इसके बाद जापान के पखावज-वादक टेटसूया कनेको मंगल वाद्य पखावज की एकल प्रस्तुति देंगे। इस प्रस्तुति के बाद ग्वालियर के अभिजीत सुखदाणे ध्रुवपद-गायन करेंगे। इसी प्रकार समारोह के दूसरे दिन 26 दिसम्बर की शाम 4 बजे ग्वालियर के श्री जयवन्त गायकवाड़ का एकल पखावज-वादन, वाराणसी के पं. रवीन्द्र गोस्वामी का सुरबहार वादन एवं दिल्ली के समिट मलिक का ध्रुवपद-गायन होगा। इस अवसर पर संगीत और मीडिया क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाली हस्तियों का सम्मान भी किया जाएगा। साथ ही ट्रस्ट की वार्षिक पत्रिका 'ध्रुवावाणी’ का विमोचन भी होगा। इस समारोह को कोविड में दिवंगत भारतीयों को संवेदना रूप में समर्पित भी किया जाएगा।

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