देश अपनायें और प्रजा फाउंडेशन ने गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में अंतर-विद्यालयीय प्रतियोगिता ‘प्रजातंत्र’ का किया आयोजन

जयपुर 30 जनवरी 2021  –  देश अपनायें सहयोग फाउंडेशन और प्रजा फाउंडेशन ने भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में अंतर-विद्यालयीय प्रतियोगिता, ‘प्रजातंत्र’ का आयोजन किया।

ऑनलाइन आयोजित किये गये ग्रैंड फिनाले में चिल्ड्रेन्‍स एकेडमी, ठाकुर कॉम्पलेक्स, मुंबई 44 अंकों के सर्वोच्च स्कोर के साथ विजेता रहा। विजेता टीम के छात्रों में तान्‍वी कामत, राहिल गांधी, गौरी ठाकुर, पलाश जाधव, रिया गोडबोले, प्राप्ति जानी, अद्विक गोरे और सैली नारवेकर और उनकी नेतृत्वकर्ता शिक्षिका, जाह्नवी शांघवी शामिल रहे।

नालंदा पब्लिक स्कूल, मुलुंद, मुंबई 43 अंकों के साथ प्रथम उप-विजेता रहा। टीम के सदस्‍यों में अथर्व कार्णिक, आकाश बोर्जी, अमेया परब, सोहम डेंगरा, दिव्‍या गोपलानी, अद्वय बापट, सोहम थोराट, चार्वी याधव और उनकी नेतृत्वकर्ता शिक्षिका नेहा ओज़ा शामिल रहे।

दिल्ली प्राइवेट स्कूल, दुबई 38 अंकों के साथ द्वितीय उप-विजेता रहा। इसकी टीम के सदस्‍यों में आलिया अरोड़ा, तनीषा कनागरजेउ, दीवा राजपुरोहित, सना फातिमा, आशा लता साखामुरी, माइकेल बॉनी, अनुभव मिश्रा, हार्ड केतन कुमार भूत और टीचर अश्‍कर एम शामिल रहे।

पूरे भारत के 27 स्‍कूलों ने प्रतियोगिता के ज़ोनल राउंड्स में हिस्‍सा लिये। स्‍कूलों की टीमों ने कुछ मानकों के आधार पर भारत की दो अन्‍य देशों के साथ तुलना की और उनके साथ साझा किये गये सात सवालों के बारे में अपने विचार व दृष्टिकोण रखें। टीमों का मूल्‍यांकन, उनकी शोध, विश्‍लेषण एवं विचारों की गुणवत्‍ता, मुख्‍य अतिथि के सवालों का उनके द्वारा दिये गये उत्‍तर, और समय-सीमा के पालन जैसे मानकों पर किया गया।

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्‍स के सह-संस्‍थापक व न्यासी और आईआईएम अहमदाबाद के प्रभारी निदेशक, श्री जगदीप छोकर बतौर मुख्‍य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने कहा, ”मुझे इस बात की खुशी हुई कि कंटेस्‍ट में भाग लेने वाले हर समूह ने लोकतंत्र को आकार देने में नागरिकों के योगदान के महत्‍व को रेखांकित किया। हमें इस बात को स्‍वीकार करना होगा कि देश में हमें जो कुछ भी गलत होते दिखता है उसके लिए हम जिम्‍मेवार हैं। हमें तय करना होगा कि हम हमारे राष्ट्र और समाज को बेहतर बनाने के लिए क्‍या कर सकते हैं। फिर हमें अपने आसपास के कुछ लोगों को नागरिकता की अवधारणा को गंभीरता से समझाने और उन्‍हें अधिक सक्रिय, सजग और जिम्‍मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना होगा।”

देश अपनायें और एनाम सिक्योरिटीज के संस्थापक, श्री वल्‍लभ भंसाली ने कहा, ”हमारे सभी कार्यक्रमकों का उद्देश्य एक्टिजेन्‍स (ACTIZENS) – सतर्क (Alert), जानकार (Informed) और सक्रिय नागरिक (Active Citizens) तैयार करना है। हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि छात्रों में प्रजातंत्र/लोकतंत्र के बारे में और अधिक जानने की जिज्ञासा है और उन्‍होंने यह दिखाया है कि वो नागरिक के रूप में  किस तरह से इसे मजबूत बनायेंगे।”

इस इवेंट को यूट्यूब https://youtu.be/LRiqDXxtMxE पर लाइव स्‍ट्रीम किया गया

देश अपनायें सहयोग फाउंडेशन के विषय में

एनाम सिक्योरिटीज के सह-संस्‍थापक व चेयरमैन, श्री वल्‍लभ भंसाली और उनके सहयोगियों ने मिलकर वर्ष 2015 में देश अपनायें की स्‍थापना की। देश अपनायें का उद्देश्य तीन विषयों को केंद्र में रखते हुए जवाबदेह नागरिकता और समाज का निर्माण करना है:  नागरिकता शिक्षा, स्वयंसेवी भाव और नेबरहूड एंगेजमेंट।

 देश अपनायें एक्टिजेन्‍स क्‍लब शुरू करने, मासिक गतिविधियों में शामिल होने और एक्टिजेन एजुकेशन कंटेंट हासिल करने के इच्‍छुक स्‍कूल्‍स info@deshapnayen.org  पर ईमेल कर सकते हैं या 8898890202 पर कॉल कर सकते हैं। स्‍कूलों को ये प्रोग्राम्‍स नि:शुल्क उपलब्‍ध कराये जाते हैं।

प्रजा फाउंडेशन के विषय में

प्रजा, एक निरपेक्ष संगठन है जो वर्ष 1997 से प्रशासन को जवाबदेह बनाने हेतु प्रयासरत है। इसका मानना है कि भारत का शहरी प्रशासन, भारत के शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को सुशासन प्रदान करने में विफल रहा है, और इसका कारण शहरी भारत की शासकीय संरचना है। इसकी यह भी धारणा है कि जमीनी स्‍तर पर वास्‍तविक लोकतंत्र का अभाव है अर्थात् स्‍थानीय स्‍तर पर निर्वाचित प्रतिनिधि व स्‍थानीय सरकारों के पास पर्याप्त शक्ति नहीं है और वो नागरिकों के प्रति जवाबदेह नहीं हैं और शहरों में प्रभावी शासन की कमी का यह प्राथमिक कारण है।

प्रजा, आंकड़ा-आधारित शोध के जरिए शहरी प्रशासन की क्षमताओं को चिह्नित करता है, उनकी कार्य-प्रक्रियाओं की अक्षमताओं को मापता है और सर्वोत्‍तम पद्धतियों की पहचान करता है। फिर, यह इस जानकारी को शहरी प्रशासन के हिस्‍सेधारकों जैसे निर्वाचित प्रतिनिधियों, प्रशासन, नागरिकों, मीडिया और शिक्षा जगत को उपलब्‍ध कराता है; और अपने हिस्‍साधारकों से मिलकर काम करते हुए अक्षमताओं को चिह्नित करते हुए उनकी क्षमताओं को बढ़ाता है ताकि शहरी प्रशासन की कार्य प्रक्रियाएं बेहतर बनायी जा सकें।

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