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पैरेंट्स अपने बच्चों को कैसे रख सकते हैं कोविड-19 से सुरक्षित

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भारत में कोविड-19 की अनुमानित तीसरी लहर प्रमुख रूप से बच्चों के लिए चिंताजनक है। कई राज्य सरकारों ने बच्चों के संक्रमित होने की स्थिति में अस्पतालों और वैक्‍सीन्‍स को लेकर अपनी मौजूदा पीडियाट्रिक क्षमताओं को लेकर चिंता जाहिर कर दी है। जहां पहली लहर के दौरान बच्चे अपेक्षतया अधिक सुरक्षित थे, वहीं दूसरी लहर के दौरान वायरस के म्यूटेटेड वर्जन्‍स से बच्‍चे भी अछूते नहीं रहे। कोविड-19 संक्रमित बच्‍चे में ऐसा हो सकता है कि इसके लक्षण दिखायी न दें, या फिर हल्के-फुल्के दिखायी दें, या थोड़ा बीमार पड़ जाये या फिर वो गंभीर रूप से बीमार पड़ जाये। बच्‍चों में इसके लक्षण बड़ों की तरह ही हो सकते हैं, जैसे कि बुखार, सर्दी, सांस लेने में तकलीफ और थकान व अन्‍य। हालांकि, गंभीरता में अंतर हो सकता है। भारत में अभी तक बच्‍चों के लिए कोई स्‍वीकृत वैक्‍सीन उपलब्‍ध नहीं है। लॉकडाउन हटाया जा रहा है और स्‍कूल फिर से खुलने लगे हैं, ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्‍चों की सुरक्षा का काफी ध्यान रखना होगा। जैसा कि दूसरी लहर के दौरान देखा जा चुका है कि परिवार का एक भी सदस्य संक्रमित हो जाने पर, पूरे परिवार के संक्रमित हो

ट्विन हेल्थ ने टाईप 2 डायबिटीज सहित जटिल मेटाबोलिक रोगों से बचाव और उसे रिवर्स करने के लिए अपने द्वारा अविष्कृत होल बॉडी डिजिटल ट्विन™ टेक्नो्लॉजी का दायरा बढ़ाने के लिए 1000 करोड़ रु. जुटाये

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जयपुर,11 अक्टूबर, 2021 – ट्विन हेल्थ, जो होल बॉडी डिजिटल ट्विन™ प्रेसिजन हेल्‍थ टेक्‍नोलॉजी का निर्माता है, ने भारत और अमेरिका में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए सीरीज सी फंडिंग में 140 मिलियन अमेरिकी डॉलर (1000 करोड़ रु.) जुटाने की आज घोषणा की। 2018 में स्थापित, ट्विन हेल्थ ने ऊर्जा और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करते हुए पुरानी मेटाबोलिज्म संबंधी बीमारियों को रिवर्स कर देने और रोकने में मदद करने के लिए होल बॉडी डिजिटल ट्विन™ का आविष्कार किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित, होल बॉडी डिजिटल ट्विन ™ प्रत्येक व्यक्ति के अद्वितीय मेटाबोलिज्म का गतिशील निरूपण है, जिसे गैर-इनवेसिव वीयरेबल सेंसर और सेल्‍फ-रिपोर्ट विकल्‍पों के माध्यम से प्रतिदिन एकत्र किए गए हजारों डेटा बिंदुओं से बनाया गया है। होल बॉडी डिजिटल ट्विन™ रोगियों और उनके डॉक्टरों को पोषण, नींद, गतिविधि और ध्यानपूर्ण श्वास के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है ताकि टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग और यकृत रोग सहित विभिन्न प्रकार के पुराने मेटाबोलिज्म रोगों को सुरक्षित रूप से रिवर्स कर सकें और रोक सकें। ट्विन हेल्‍थ के संस्‍थापक और मुख्‍य

टाटा एआईए लाइफ के उपभोक्ताअब प्रैक्टोऔ से ले सकते हैं टेलीमेडिसिन सेवाओं का लाभ

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  मुंबई, 30 सितंबर, 2021 : टाटा एआईए लाइफ इंश्‍योरेंस (टाटा एआईए लाइफ), जो भारत की अग्रणी जीवन बीमा कंपनियों में से एक है, ने विशिष्‍ट उत्‍पादों के नये पात्र * उपभोक्‍ताओं को भा रत की अग्रणी एकीकृत हेल्‍थकेयर कंपनी, प्रैक्‍टो के जरिए ऑनलाइन चिकित्‍सा परामर्श (टेलीकंसल्‍टेशन) की सुविधा प्रदान की है। इस गठबंधन के तहत, टाटा एआईए के उपभोक्‍ता सत्‍यापित डॉक्‍टर्स से कभी भी और कहीं भी ऑनलाइन चिकित्‍सा परामर्श ले सकते हैं। प्रैक्टो के साथ टाटा एआईए लाइफ की साझेदारी , ब्रांड के व्यापक संरक्षण प्रस्ताव को मजबूत करने में एक शक्तिशाली विभेदक है। यह पारंपरिक बीमा दृष्टिकोण से बहुत आगे जाता है जो कुशल दावा निपटान तक सीमित है। इसके जरिए प्रदत्‍त लाभों के तहत , पात्र उपभोक्ता विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के लिए प्रति वर्ष 48 टेली परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इसमें सर्दी , बुखार , चोट जैसी सामान्य बीमारियों के लिए सहायता शामिल है जिससे वे अपने घर के सुरक्षित और आरामदायक वातावरण से तत्काल चिकित्सा मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें। इस पहल के साथ , टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस महामारी के बीच ग्राहकों की प्रमुख

एस्ट्राजेनेका ने हेल्थ-टेक स्टार्टअप, ट्रायकॉग के साथ मिलकर भारत में 'प्रोजेक्टे हार्ट बीट' लॉन्च किया; शीघ्र और सटीक डायग्नोलसिस, एवं समय से हस्तक्षेप के लिए एआई का उपयोग करके हार्ट अटैकमोर्टालिटी को कम करने का लक्ष्य बनाया

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  बेंगलुरू, 30 सितंबर, 2021 : एस्ट्राजेनेका इंडिया (एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड) , जो कि एक प्रमुख विज्ञान-आधारित बायोफार्मास्युटिकल कंपनी है , ने हेल्थ-टेक स्टार्टअप , ट्रायकॉग के साथ मिलकर ' प्रोजेक्ट हार्ट बीट ' नामक एक कार्यक्रम शुरू किया , जो हार्ट अटैक के रोगियों के शुरुआती और सटीक निदान पर केंद्रित है , जिससे मृत्यु दर को कम किया जा सके।यह वर्तमान में टियर 1 , 2 कस्बों और गांवों में चल रहा है , जहां गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवा की पहुंच नहीं है। यह परियोजना क्लाउड-आधारित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समर्थित इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) की व्याख्या को सक्षम करके , रोगियों को निकटतम कैथ लैब या फाइब्रिनोलिसिस केंद्रों तक पहुंचाकर संदिग्ध दिल के दौरे के रोगियों के लिए शीघ्र निदान और हस्तक्षेप की आवश्यकता को पूरा करती है , जिससे सटीक निदान और समय पर उपचार सुनिश्चित होता है और अंततःरोगी के परिणाम में सुधार होता है।   इस पहल का उद्देश्य प्राथमिक और माध्यमिक द