पैरेंट्स अपने बच्चों को कैसे रख सकते हैं कोविड-19 से सुरक्षित
भारत में कोविड-19 की अनुमानित तीसरी लहर प्रमुख रूप से बच्चों के लिए चिंताजनक है। कई राज्य सरकारों ने बच्चों के संक्रमित होने की स्थिति में अस्पतालों और वैक्सीन्स को लेकर अपनी मौजूदा पीडियाट्रिक क्षमताओं को लेकर चिंता जाहिर कर दी है। जहां पहली लहर के दौरान बच्चे अपेक्षतया अधिक सुरक्षित थे, वहीं दूसरी लहर के दौरान वायरस के म्यूटेटेड वर्जन्स से बच्चे भी अछूते नहीं रहे। कोविड-19 संक्रमित बच्चे में ऐसा हो सकता है कि इसके लक्षण दिखायी न दें, या फिर हल्के-फुल्के दिखायी दें, या थोड़ा बीमार पड़ जाये या फिर वो गंभीर रूप से बीमार पड़ जाये। बच्चों में इसके लक्षण बड़ों की तरह ही हो सकते हैं, जैसे कि बुखार, सर्दी, सांस लेने में तकलीफ और थकान व अन्य। हालांकि, गंभीरता में अंतर हो सकता है। भारत में अभी तक बच्चों के लिए कोई स्वीकृत वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। लॉकडाउन हटाया जा रहा है और स्कूल फिर से खुलने लगे हैं, ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा का काफी ध्यान रखना होगा। जैसा कि दूसरी लहर के दौरान देखा जा चुका है कि परिवार का एक भी सदस्य संक्रमित हो जाने पर, पूरे परिवार के संक्रमित हो