स्वास्थ्य चुनौतियो एवं वैश्विक महामारी पर काबू पाने के लिए वैश्विक साझेदारी की आवश्यकता

विश्व स्वास्थय संगठन  (WHO) के तत्वाधान में बर्लिन जर्मनी में आयोजित तीन दिवसीय विश्व स्वास्थय सम्मलेन जो की 16 से 18 अक्टूबर तक हैं, का उद्देश्य विश्व के सभी भागो के स्वास्थय नेताओं और पालिसी मेकर्स, एवं चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाले प्रतिनिधियों को शामिल करके वैश्विक स्वास्थय विकास के लिए तालमेल बनाना एवं आने वाले समय में होने वाली महामारियो के लिए नवाचारो एवं नव प्रयोगों को प्रोत्साहित करना हैं ।

इस वर्ष इस सम्मलेन का उद्देश्य “वैश्विक स्वास्थ्य के लिए समाधान ढूँढना” हैं ।

इस स्वास्थय सम्मलेन का उद्घाटन यू. एन. के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मेक्रों, WHO के महानिदेशक डॉ. टेडरोस एडनॉम घेब्रेयसस एवं अन्य 100 से अधिक देशो के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों  की उपस्थित में बर्लिन जर्मनी में आयोजित हुआ ।

उद्घाटन समारोह में जर्मन फेडरल चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा की खासकर वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में "नेटवर्किंग और राष्ट्रीय सीमाओं के पार अच्छा सहयोग मायने रखता है । आगे बोलते हुए चांसलर शोल्ज़ ने कहा की आज के चुनोती भरे वैश्विक महामारी के दौर में विभिन्न वैज्ञानिक विषयों और विज्ञान, राजनीति और समाज के बीच आदान-प्रदान की आवश्यकता है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस कहा की हाल ही में ई महामारी से विश्व को संज्ञान लेना चाहिए एवं हमें ऐसी स्वास्थय प्रणालिया स्थापित करनी चाहिए जिसका की विश्व का हर नागरिक हक़दार हैं ।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा, ''कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को खंडित और असंगत के रूप में उजागर, किया । डॉ. टेड्रोस  ने इसी कड़ी में आगे बोलते हुए कहा की पुरे विश्व को एक नए संजोते के अन्दर आना होगा उससे ही वैश्विक स्वास्थ्य को एक नए स्तर पर ले जाया जा सकता हैं एवं एक नया वैश्विक दृष्टिकोण जो केवल बीमारों का इलाज करने के बजाय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारी को रोकने को प्राथमिकता देता है, विकसित किया जा सकता हैं ।

विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष एक्सेल प्राइस ने भी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया: एवं कहा की  "इस समय में, हमें अभूतपूर्व तरीके से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक साथ काम करना चाहिए ।

जयपुर से निम्स विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. बलवीर सिंह. तोमर भी इस सम्मलेन में विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन की और से भाग ले रहे हैं  उन्होंने बताया की COVID 19 के बाद यह पहला वैश्विक स्तर का आयोजन हैं जिसमे की 100 से अधिक देशो के स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले 2000 से अधिक लोग भाग ले रहे हैं । डॉ. तोमर ने चर्चा में बताया की "छोटी सी बीमारी को महामारी बनने से बचाने के लिए, हमें जमीनी स्तर पर लोगो को शिक्षित करने की आवश्यकता है । जिससे की किसी भी प्रकार की महामारी को आने से रोका जा सके एवं समय रहते काबू पाया जा सके । इसी कड़ी में WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्य स्वामीनाथन ने सबसे निचली कड़ी के लोगो को स्वास्थय संबधित सेवाओ एवं महामारी से सम्बंधित जानकारी के लिए WHO के द्वारा स्थापित “सोशल कम्युनिकेशन” के बारे में जानकारी दी । डॉ. तोमर ने बताया की जर्मन चांसलर, फ्रांस के राष्ट्रपति ने covid एवं आने वाली अन्य महामारियो के लिये 20000 करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि के साथ महामारी फण्ड बनाने की घोषणा की, इसी कड़ी में बिल गेट्स एवं मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के डॉ. अध्यक्ष बिल गेट्स ने ने विश्व में पोलियो उन्मुल्लन के लिए 10000 करोड़ रूपए का फण्ड बनाने की घोषणा की । डॉ. तोमर ने अनेक दिपक्षीय वार्तावो  में भारत की covid एवं अन्य महामारियो के लिए कटिबद्धता एवं विश्व के सबसे बड़े मुफ्त covid वैक्सीन कार्यक्रम के बारे बताया एवं भारत एवं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं माननीय स्वास्थय मंत्री श्री मनसुख मांडविया के द्वारा covid में किये गये अनुकरणीय नवाचारो को मजबूती से रखा, जिसकी वजह से भारत ने पुरे विश्व को मुफ्त स्वदेशी वैक्सीन उपलब्ध करायी । ज्ञात रहे की इसी वैक्सीनेशन कार्यक्रम के कारण भारत की म्रत्युदर विश्व में सबसे कम रही  ।

स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष एक्सेल प्राइस ने निम्स विश्वविध्यालय के द्वारा स्वास्थय एवं शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान की सराहना की ।

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